Tuesday, March 31, 2015

महफूज़ हर कदम करना ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा

आनी जानी है कहानी
बुलबुले सी ज़िंदगानी
बनती कभी बिगड़ती
तेज़ हवा से लड़ती, भिड़ती

हा रहम, हा रहम, फ़रमाए ख़ुदा
हा रहम, हा रहम, फ़रमाए ख़ुदा
महफूज़ हर कदम करना ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा
महफूज़ हर कदम करना ऐ ख़ुदा, ऐ ख़ुदा

साँसों की सूती डोर अनूठी
जल जाएगी, जल जाएगी
बंद जो लाए थे हाथ की मुट्ठी
खुल जाएगी, खुल जाएगी

क्या गुमान करे काया ये उजली
मिट्टी में मिल जाएगी
चाहे जितनी शमाएँ रोशन कर ले
धूप तो ढल जाएगी, जाएगी

सोने चमक में, सिक्कों खनक में
मिलता नहीं, मिलता नहीं
धूल के ज़र्रों में ढूंढे कोई तू
मिलता वहीँ, मिलता वहीँ

क्या मजाल तेरी मर्ज़ी के आगे
बन्दों की चल जाएगी
थामे ऊँगली जो तू, कठपुतली भी
चाल बदल जाएगी, जाएगी


फिल्म : आमिर
गायक : मुर्तज़ा कादिर, अमिताभ और अमित त्रिवेदी
संगीतकार : अमित त्रिवेदी
गीतकार : अमिताभ भट्टाचार्य

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